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Friday, July 25, 2025

श्रावण श्रावण

नभमेघात श्रावण दाटतो ग

मनामनात श्रावण फुलतो ग

     क्षणात सरसर क्षणात उन

     संगे वाजे मेघमल्हाराची धुन

     खेळ उन पावसाचा रंगतो ग

     मनामनात श्रावण फुलतो ग

पर्णात झरती मौक्तिकमाला 

दरवळतो गंध मातीचा ओला

धरेवर अमृतवर्षाव होतो ग

मनामनात श्रावण फुलतो ग

       हिरव्या पिकात हिरवी लाट

       झुळझुळ वाहती शुभ्र पाट

        रंग पाचूचा सुंदर खुलतो ग

        मनामनात श्रावण फुलतो ग

रंगांच्या रानात स्वप्नांचे पक्षी

नभी खुलते इंद्रधनुची नक्षी

अल्लड वारा चहुकडे घुमतो ग

मनामनात श्रावण फुलतो ग

        रानफुलांत पायवाटा सजती

        अवखळ सरितेपाशी थांबती

        केकारव मयुराचा घुमतो ग

        मनामनात श्रावण फुलतो ग

        मनामनात श्रावण फुलतो ग

- स्नेहल मोडक

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कविता

श्रावण श्रावण

नभमेघात श्रावण दाटतो ग मनामनात श्रावण फुलतो ग      क्षणात सरसर क्षणात उन      संगे वाजे मेघमल्हाराची धुन      खेळ उन पावसाचा रंगतो ग      मन...